हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की सत गुरु सैट कबीर लौंग, लौंगा, लौंगा! बैर एक लौंग मेरी आती-पाती ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अमुक ग्राह्यार्थे सर्व जगत् हितकारिणी सर्वदुःख निवारिणी सर्व व्याधि नाशिनी नमो नमः स्वाहा॥ कहने का तात्पर्य यह है कि जैसा कार्य हो वैसा ही शक्ति का https://guyh307aei1.blogars.com/34511544/a-simple-key-for-वश-करण-म-त-र-क-स-च-ह-ए-unveiled